कार्बेट फाल में डूबने से दो स्कूली छात्रों की दर्दनाक मौत।
- छुट्टी के दिन प्रधानाचार्य, शिक्षकों समेत 27 छात्र छात्राओं का टूर गया था घूमने।
- रुद्रपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित द्रोण स्कूल में थे अध्ययनरत मृतक छात्र, घर मचा कोहराम।
- पुलिस व एसडीआरएफ के जवानों ने एक शव किया बरामद।
- आज दूसरे मृतक छात्र के शव को फिर खोजेगी टीम।
- परिचितों में मौत के बाद प्रबंधन के खिलाफ बेहद नाराज़गी।
रामनगर/रुद्रपुर। रुद्रपुर के नामचीन कालेज में फार्मेसी का कोर्स कर रहे दो छात्रों की नैनीताल जनपद में स्थित कार्बेट फाल में डूबने से मौत हो गई। पुलिस को जबकि एक का शव बरामद हो गया है तथा दूसरे का शव अभी तक बरामद नही हो पाया है। पुलिस व एसडीआरएफ आज फिर दूसरे छात्र के शव को खोजेगी। उधर मृतक रुद्रपुर क्षेत्र के बताए जा रहे है तथा मृतकों के घर मे कोहराम मचा हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार रुद्रपुर-दिनेशपुर क्षेत्रान्तर्गत स्थित द्रोण कालेज के अध्ययनरत 27 छात्र-छात्राओं का ग्रुप नैनीताल के पर्यटक स्थलों पर घूमने के लिए गया हुआ था। सूत्रों की मानें तो कॉलेज की प्रिंसिपल हरप्रीत कौर, शिक्षक धीरज कुमार जोशी समेत 4 अन्य शिक्षक कॉलेज के छात्र और छात्राओं को आपसी सहमति से नैनीताल टूर पर गए थे।
मगर नैनीताल में सैलानियों की संख्या बढ़ने से आगे न बढ़ पाने से अचानक प्रोग्राम चेंज कर दिया तथा सभी छात्र छात्राओं कॉर्बेट फॉल पहुंच गए। भीषण गर्मी के बीच कॉर्बेट फॉल में जाते ही यहां झरने में नहाने में प्रतिबंध के नोटिस को नजरअंदाज करते हुए शिक्षकों ने बेरोकटोक छात्र- छात्राओं को डेंजरस जोन में जाने से नहीं रोका। जबकि यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता था। बताया जाता है नहाने के दौरान झरने के तेज बहाव और घुमाव के चलते रिंकी मंडल (18) व अभिजीत अधिकारी (19) पानी में फंसकर डूबने लगे। उनकी चीख के बीच कोई सुरक्षा इंतजाम न होने से कोई उनकी मदद को आगे नहीं आ पाया। इसके चलते दो होनहार छात्र जिंदगी से जंग हार गए तथा जिनके विश्वास पर दोनों छात्र यहां तक आए थे वो सभी असहाय तमाशबीन बनकर रह गए। सूचना पर पुलिस पहुंची तथा पुलिस ने खोजबीन शुरू कर दी। इस दौरान रिंकी मण्डल का शव बरामद हो गया। मगर देर शाम तक एसडीआरएफ व पुलिस ने अभिजीत के शव को खोजा मगर सफलता हाथ नही लग पाई। आज फिर एसडीआरएफ समेत पुलिस के तैराक शव की खोजबीन में जुटेंगे।
उधर, इस मामले में स्कूल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि उन्हें इस टूर के वारे में जानकारी नही दी गई थी। अगर स्कूल की ओर से कोई टूर जाता है तो उसकी प्रक्रिया होती है तथा स्कूल बसों से टूर भेजा जाता है। मगर इस टूर के बारे में उन्होंने बताया कि उनके द्वारा इस टूर के बारे में अवगत नही कराया गया। जो घटना घटी है वह वेहद ही दुखदाई है। इस दुःख की घड़ी में स्कूल प्रबंधन की परिवार के प्रति पूरी संवेदना है। वही दूसरी ओर बताया जाता है कि इस हादसे के बाद स्कूल की प्रिंसिपल सदमे में है तथा उनका उपचार हल्द्वानी स्थित एक निजी न्यूरो अस्पताल में चल रहा है।
वहीं इस पूरे मामले में अध्ययनरत मृतक छात्रों के परिचित इस पूरे मामले में कॉलेज मैनेजमेंट फैकल्टी व कॉलेज प्रबंधन को जिम्मेदार बता रहा है। आखिर कॉलेज की प्रधानाचार्य समेत अन्य शिक्षकों जब टूर ओर गए थे तो उन्हें इतने छात्र छात्राओं के साथ क्यों जाने दिया गया। या फिर मैनेजमेंट फैकल्टी व प्रधानाचार्य व शिक्षकों के बीच आपसी तालमेल नही है। क्यों इस मामले में मैनेजमेंट की अनुमति लेना जरूरी क्यों नहीं समझा? कही न कही इनका आपसी तालमेल न होने की वजह से दो घरों के होनहार चिराग बुझ गए। एक ही कॉलेज के इतनी बड़ी संख्या में छात्र और छात्राओं के अपने ही कॉलेज के फैकल्टी के साथ जाने के बावजूद क्यों कॉलेज के प्रबंधन से यह बात छुपाई गई? वही यह भी चर्चा है कि कॉलेज प्रबंधन इस टूर के बारे में जानकारी रखता था लेकिन जिम्मेदारी से बचने के लिए वह अनजान बना रहा?