खाद्यान्न घोटाला :- तो क्या? हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर होने के बाद एक्टिव हुआ विभाग।
- एक्शन मोड में जिलाधिकारी, जांच के लिए सभी एसडीएम को किया नियुक्त।
- करोड़ो रूपये का हुआ है खाद्यान्न घोटाला, सम्बंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर उठें है गम्भीर सवाल।
रुद्रपुर। पूर्ति विभाग में हुए करोड़ों रुपए के खाद्यान्न घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर भाईचारा एकता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। याचिका दायर होने का बाद अब पूर्ति विभाग अपने आप को बचाने के लिए अब घर घर जाकर छुट्टी के दिन भी राशन कार्ड बांटने में लग गया है।
विदित हो कि जनपद ऊधम सिंह नगर के पूर्ति निरीक्षकों द्वारा भारी मात्रा में करोड़ों रुपए का खाद्यान्न घोटाला किया गया है। पीले राशन कार्ड को सफेद राशन कार्ड में बदलकर करोड़ों रुपए का खाद्यान्न पूर्ति निरीक्षक व जिला पूर्ति अधिकारी ने मिलकर डकार कर लिया गया। इस मामले की शिकायत भाईचारा एकता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार ने जिलाधिकारी समेत तमाम शासन प्रशासन से की गई, मगर कार्यवाही महज ढाक के तीन पात ही नजर आई और कोई कार्यवाही नहीं हुई। जिसके बाद मामले को लेकर उच्च न्यायालय में खाद्यान्न घोटाले के 200 करोड़ रुपए की जांच और वसूली की मांग को लेकर भाईचारा एकता मंच के द्वारा जनहित याचिका दायर कर दी गई। अब पूर्ति विभाग के कर्मचारी और अधिकारियों ने अपने आप को बचाने के उद्देश्य से छुट्टी के दिन भी घर-घर जाकर राशन कार्ड बांटने शुरू कर दिए हैं जबकि आज से पहले अब तक जनपद के पूर्ति निरीक्षक कई कई करोड़ रुपए का खाद्यान्न हजम कर चुके हैं। भाईचारा एकता मंच ने सभी पूर्ति निरीक्षकों सभी राशन डिपो संचालकों से अब तक हुए खाद्यान्न घोटाले की जांच कर रिकवरी की मांग की है रिकवरी तथा सभी पूर्ति निरीक्षकों की संपत्ति की जांच की मांग भी जनहित याचिका में सम्मिलित की गई है।तो वही दूसरी ओर जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर द्वारा भी पूरे मामले में जांच करने के लिए जनपद के सभी उप जिलाधिकारियों को नियुक्त कर दिया है तथा जांच को जल्द से जल्द पूरा करने को कहा गया है।