अतिक्रमण के नाम पर लोगो के उजाड़ने के विरोध में पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने दिया धरना।
- आरोप लगाया कि पुलिस व लोक निर्माण विभाग में कुछ अधिकारी व कर्मचारी अतिक्रमण की आड़ में कर रहे है अवैध वसूली।
- बोले कुछ अधिकारी सरकार विरोधी मानसिकता के कारण सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
रुद्रपुर। मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषणा के बाद भी पंतनगर एवं अन्य क्षेत्रों में लोगों को उजाड़ने का नोटिस देने से नाराज पूर्व विधायक राजेश शुक्ला आज भारी संख्या में लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में कार्यवाहक जिला अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे मुख्य विकास अधिकारी के कार्यालय पर जमीन पर बैठ गए और धरना दिया। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी का स्पष्ट आदेश है कि राज्य में मजार आदि बनाकर उसकी आड़ में जो लोग उत्तराखंड की आबादी का संतुलन बिगड़ रहे हैं और अपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं उनसे अतिक्रमण खाली कराया जाए तथा राज्य में खत्तो में, गोठो में व 30- 40 साल पुरानी आबादीयों को नहीं हटाना है, उसके बाद भी किच्छा व पंतनगर में न केवल पुरानी आबादियों को उजाड़ा जा रहा है बल्कि उन्हें उजाड़ने का नोटिस जारी किया जा रहा है?
शुक्ला ने आरोप लगाया कि पुलिस व लोक निर्माण विभाग में कुछ अधिकारी व कर्मचारी इसकी आड़ में अवैध वसूली कर रहे हैं तथा सरकार विरोधी मानसिकता के कारण सरकार को बदनाम कर रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि पुलभट्टा बंगाली कॉलोनी, बेदी मोहल्ला किच्छा, नगला तथा पंतनगर इंदिरा कॉलोनी, झा कॉलोनी, फोर एच क्लब, बंडिया – बंडिया भट्टा ग्राम आदि में लोगों को जो नोटिस दिए गए हैं वे इसी मानसिकता के परिचायक हैं।
शुक्ला ने अधिकारियों को लताड़ते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाओ की आड़ में गरीबों का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, उन्होंने कहा कि किसी को भी उजाड़ने से पहले बसाने का संकल्प लिया जाए, उन्होंने विधानसभा में संघर्ष करके खुरपिया की 1500 एकड़ जमीन में से 500 एकड़ जमीन भूमिहीनों के लिए आरक्षित कराई यदि किच्छा खुरपीया, पंतनगर आदि में लोगों को उजाड़ना जरूरी है तो पहले सरकार इन्हे खुरपिया में बसाए। शुक्ला ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान में राजस्व विभाग को अधिकार दिया जाए कि वे चिन्हीकरण करे तथा भूमिहीनों की सूची बनाएं और तब तक किसी को न उजाड़ा जाए। पुलिस को इस प्रक्रिया में शामिल ना करके उन्हें केवल कानून व्यवस्था तक सीमित रखा जाए।कार्यवाहक जिलाधिकारी विशाल मिश्रा के बार-बार अनुरोध पर शुक्ला जमीन से उठे और प्रत्येक बस्ती के कुछ प्रतिनिधियों एवं भाजपा के कार्यकर्ताओं के साथ मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के सभागार में जहां वन विभाग, लोक निर्माण विभाग, परगना अधिकारी किच्छा-रुद्रपुर तथा निदेशक प्रशासन पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के साथ बैठकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई तथा यह तय हुआ कि पंतनगर में 6 जून से शुरू होने वाला अभियान स्थगित किया जाएगा जिसकी घोषणा निदेशक प्रशासन ने की।कार्यवाह जिलाधिकारी विशाल मिश्रा ने उपजिला अधिकारी किच्छा को निर्देशित किया कि बंडिया चौराहे पर बेवजह लोक निर्माण विभाग द्वारा उजाड़े गए लोग जिन्हें 3 मीटर पहले तक चिन्हीकरण कर अपना निर्माण तोड़ लिया था उन्हें पुनः आगे बढ़कर क्यों तोड़ा गया तथा इस दौरान पुलिस एवं लोक निर्माण विभाग की भूमिका की जांच की जाए, मुख्यमंत्री जी की मंशा व शासन की मंशा के अनुरूप ही अतिक्रमण हटाया जाए, बेवजह लोगों को परेशान न किया जाए तथा बेदी मोहल्ला व पुलभट्टा पर भी लोगों की सूची बनाकर यह चिन्हित किया जाएगी कितने भूमिहीन हैं जो अतिक्रमण की जद में हैं। निदेशक प्रशासन पंतनगर ने सार्वजनिक घोषणा की कि पंतनगर में 6 जून से किसी को नहीं उजाड़ा जाएगा। उपजिलाधिकारी किच्छा ने कहा कि नगला का मामला हाई कोर्ट के निर्देश पर उनके यहां विचाराधीन है जब तक हाईकोर्ट का कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक नगला में भी कोई अतिक्रमण हटाओ अभियान नहीं चलाया जाएगा। धरना प्रदर्शन करने वालों में मनमोहन सक्सेना, अनिल यादव, सचिन शुक्ला, मुकेश कोली, गोल्डी गोराया, राजकुमार कोहली, पूर्व चेयरमैन पति धर्म राज जायसवाल, महेंद्र बाल्मीकि, रमन कोहली, महेंद्र पाल, सुरेंद्र चौधरी, प्रकाश बिष्ट, सचिन शुक्ला, अंकित पाठक, दिग्विजय खाती, तारा सिंह कोरंगा, धर्म सिंह यादव, रामा यादव, देवेंद्र यादव, उमेश पाल, नारायण पाठक, टीटू शर्मा, नितिन चरण बाल्मीकि, जितेंद्र गुप्ता, विदेशी प्रसाद, सुनील शुक्ला, जयदेव, ग्राम प्रधान राकेश यादव, नंदलाल यादव, अजीत पाठक, खड़क बहादुर सिंह, हरीश सक्सेना, धनीराम, मंगली प्रसाद, नरेश राठौर, नरेंद्र राठौर, गिरीश चंद वर्मा, सभासद संदीप अरोरा, मोनू गुप्ता, दुर्गेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, कमल शुक्ला समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।