विचाराधीन कैदी की मौत के मामले में जांच को पहुँची सीबीआई हल्द्वानी जेल।
हाईकोर्ट के आदेश के पर मुकदमा दर्ज करने के बाद 8 सदस्यों की टीम ने की आरोपी बंदीरक्षकों से कई घण्टों तक करी अलग अलग पूछताछ।
हल्द्वानी। विचाराधीन कैदी की मौत के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसी क्रम में सीबीआई की 8 सदस्यीय टीम ने हल्द्वानी उप कारागार (जेल) में पहुंच कर बुधवार व गुरुवार को मामले से संबंधित बंदी रक्षकों से कई घंटो तक पूछताछ साथ ही अन्य से भी पूछताछ की।
बताते चलें कि विगत 4 मार्च 2021 को काशीपुर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति को पुलिस ने छेड़छाड़ एवं मारपीट के आरोप में गिरफ्तार किया था। जिस पर अदालत ने उसे जेल भेज दिया था। जेल जाने के महज दो दिन बाद ही हल्द्वानी उप कारागार में उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई जिस पर उसकी पत्नी ने उसकी मौत को हत्या करार देते हुए न्यायलय की शरण ली। जिस पर निचली अदालत ने बंदी रक्षकों समेत कुल 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। बाद पूरा प्रकरण हाईकोर्ट पहुंचा तो मेडिकल रिपोर्ट को गंभीरता से लिया गया। हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिए।
हाईकोर्ट का आदेश सीबीआई देहरादून ब्रांच पहुंचा। इस पर जेल के हेड गार्ड (मुख्य बंदी रक्षक) देवेंद्र प्रसाद यादव, बंदी रक्षक कीर्ति नैनवाल, देवेंद्र रावत और हरीश रावत के खिलाफ हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज लिया गया। जिस पर सीबीआई ने मामले में तेजी से जांच शुरू कर दी है और इसी क्रम में बताया जाता है कि मुकदमे की विवेचना अधिकारी डिप्टी एसपी राजीव चंदोला के नेतृत्व में 8 सदस्यों की टीम बुधवार को हल्द्वानी को कारागार पहुंची जहां सभी बंदी रक्षकों से एक-एक कर बयान दर्ज कराए इसके बाद आरोपियों बंदीरक्षकों से भी लगभग 4 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। आज भी इसी क्रम में सीबीआई फिर हल्द्वानी उप कारागार में मामले से संबंधित जानकारी जुटाई।
वहीं दूसरी ओर इसी मामले में ही हाईकोर्ट ने नैनीताल एसएसपी एवं तत्कालीन सीओ को हटाने के निर्देश दिए थे जिस पर राज्य सरकार हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इस मामले में आगामी 9 अगस्त को सुनवाई होगी। वही अधिवक्ता एडवोकेट संजीव आकाश ने बताया कि इस मामले माननीय सुप्रीम कोर्ट में उनके द्वारा भी मजबूती से पक्ष रखा जायेगा।