पढिये खबर – ग्राम प्रधान भाभी होने के बाद भी भाजयुमो नेता बन बैठा ग्राम प्रधान, मुकदमा दर्ज।
- किच्छा विधानसभा के थाना पुलभट्टा अन्तर्गत ग्राम पंचायत भंगा का मामला।
- पीड़ित प्रधान पूजा वर्मा ने लगाया देवर व भाजयुमों ग्रामीण मण्डल महामंत्री विपिन शर्मा पर जाली हस्ताक्षर कर प्रमाण पत्र जारी करने का आरोप।
- सत्ता की हनक व स्थानीय नेताओ के दम पर दबंगई करने का भी आरोप।
- पुलिस में सुनवाई न होने के बाद कोर्ट की शरण मे पहुंची पीड़ित ग्राम प्रधान।
- पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकी देने आदि में किया मामला दर्ज, अब पुलिस ने की जांच शुरु।
रुद्रपुर/किच्छा। निर्वाचित हुई ग्राम प्रधान की अपने पति से घरेलू विवाद होने के बाद ससुराल से निकाली गई प्रधान की अनुपस्थिति में देवर यानि भाजपा नेता ही ग्राम प्रधान बन बैठा। इतना ही नही उसकी गैर मौजूदगी में ग्राम प्रधान द्वारा जारी होने वाले प्रमाण पत्रों को जारी करने लगा। मामले की जब पुलिस से शिकायत की गई तो पुलिस ने सत्ता से जुड़े होने व कुछ नेताओं के रसूख़ चलते कोई ध्यान नही दिया। पीड़िता ने मज़बूरन न्यायालय की ओर रुख करना पड़ा। आखिरकार कोर्ट के आदेश पर थाना पुलभट्टा पुलिस ने धोखाधड़ी, जान से मारने की धमकियां देने आदि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है। फिलहाल पुलिस ने जांच शुरु कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक जनपद ऊधम सिंह नगर के भंगा ग्राम की ग्राम प्रधान पूजा वर्मा पत्नी नितिन शर्मा ने न्यायालय दिए प्रार्थना पत्र में कहा कि उसके पति से घरेलू विवाद चलते उसको ससुराल से निकाल दिये जाने के बाद वह पति से अलग आवास विकास किच्छा में रह रही है। उसने आरोप लगाया कि उसका देवर भाजयुमो ग्रामीण मंडल महामंत्री विपिन शर्मा पुत्र संजय शर्मा निवासी ग्राम भंगा उसकी गेर मौजूदगी में उसकी ग्राम प्रधान सम्पत्ति का गलत तरीके से दुरुपयोग कर रहा है तथा फर्जी हस्ताक्षर कर उसके नाम से अलग अलग तरह के कागजात जारी कर दिए है। विरोध करने पर भाजयुमो नेता विपिन उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है तथा ग्राम प्रधान का बस्ता भी उक्त भाजपा नेता ने अपने कब्जे में कर रखा है तथा आये दिन सत्ता की हनक व अपनी दबंगई दिखाते हुए ग्राम प्रधान के अंतर्गत आने वाली समस्त योजनाओं में कागजात व ग्राम प्रधान द्वारा जारी होने वाले प्रमाण पत्रो पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर उपयोग में ला रहा है।वही इस मामले में बताया कि 29 अगस्त को पीड़ित प्रधान ने कार्यवाही की मांग को लेकर लिखित शिकायती पत्र भी थाना पुलभट्टा पुलिस को सौंपा था मगर उसकी कोई सुनवाई नही हुई। जिसके बाद पीड़ित ने उच्चाधिकारियों की तरफ दरखास्त लगाई तथा 20 नवम्बर को पत्राचार के माध्यम से एसएसपी को भी अवगत कराया, मगर उसकी न सुनी गई। जिसके बाद पीड़िता ने न्याय के लिये न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस मामला दर्ज कर अब जांच शुरू कर दी है।