तो क्या ? भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला के लिये अपनो की नाराज़गी पड़ेगी भारी, मिलेगी शिकस्त!
- पूर्वांचल समेत अन्य समुदायो में मजबूत पकड़ रखने वाले अजय तिवारी ने निर्दलीय उम्मीदवारी प्रस्तुत कर दिखाये अपने तेवर, विधायक की डगर काफी कठिन।
- किच्छा विधानसभा में अपनों की नाराजगी भी पड़ रही है भाजपा प्रत्याशी को भारी।दबी जुबान में पार्टी के कुछ नेता चुनाव लड़ाने से कर रहे मना, राठौड़ के जिलाबदर होने पर भी नाराजगी।
- टिकट मांग रहे सभी प्रत्याशी हुए एक जुट, सूत्रों की माने तो गोपनीय मीटिंग में भाजपा प्रत्याशी को चुनाव न लड़ाने का बना चुके है मन, एक साथी उतरा निर्दलीय मैदान में।
- गोल टोपी वाले बयान से भी अल्पसंख्यक समुदाय में भारी नाराज़गी।
किच्छा। किच्छा विधान सभा से भाजपा के विधायक एवं प्रत्याशी राजेश शुक्ला की इस बार की डगर काफी कठिन लग रही है। क्योंकि इस बार किच्छा विधानसभा से भाजपा से टिकट माग रहे दावेदार काफी खफा नजर आ रहे है तथा इस बार ये सभी दावेदार एक जुट नज़र आ रहे है। इतना ही नही इन दावेदारो में से एक दावेदार अजय तिवारी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में कही न कही 10 साल से विधायक रहे राजेश शुक्ला को इस बार के चुनाव की डगर काफी कठिन नजर आ रही है। ऐसे में इसका सीधा लाभ कही न कही कांग्रेस को मिलता नजर आ रहा है।
आप को बताते चले कि इस बार काफी विधानसभाओ पर भाजपा हो या फिर कांग्रेस दोनों ही पार्टियो ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम फाइनल के दिये। इसी क्रम में किच्छा विधानसभा पर यही के विधायक व भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला को इस बार अपनी ही पार्टी के लोगो का विरोध काफी भारी पड़ सकता है। किच्छा विधानसभा में भाजपा से अजय तिवारी, श्रीकांत राठौड़, विपिन जल्होत्रा, विवेक दीप सिंह, शैली फुटेला समेत अन्य लोगो ने दावेदारी कर रखी थी। मगर टिकट विधायक राजेश शुक्ला को मिला। जिसके बाद यह सभी काफी नाराज़ है तथा बगाबत के शुर उठा चुके है। वही अजय तिवारी किच्छा विधानसभा से निर्दलीय दावेदारी प्रस्तुत के चुके है।
तो वही भाजयुमो पर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत राठौर जिले से बाहर है तथा पुलिस द्वारा उन्हें जिला बदर किया गया है। इसके अलावा अन्य दावेदार भी काफी नाराज नजर आ रहे है। वही जिलाबदर हुए श्रीकांत राठौर की पत्नी इस कार्यवाही में स्थानीय विधायक व भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला पर खुले तौर पर आरोप लगा चुकी है कि उनके पति पर जो कार्यवाही हुई है वह मौजूदा विधायक व भाजपा प्रत्याशी के इशारे पर हुई है तथा व विधायक राजेश शुक्ला को अपना समर्थन देने से साफ इंकार कर रही है। जिससे राठौर समाज व उनके समर्थकों में भारी।नाराज़गी देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही खुद भाजपा के पदाधिकारियों में भी काफी नाराजगी देखने को मिल रही है। जहाँ अभी कुछ ही दिन पहले यह सभी पदाधिकारियों ने राठौड़ पर हुई कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर की थी।
इसके अलावा विधायक राजेश शुक्ला द्वारा दिये गए गोल टोपी वाले बयान पर भी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे में भी नाराज़गी देखने को मिल रही है। वही कुछ अल्पसंख्यक सुमदाय के लोगो कहना है कि भाजपा विधायक को इस तरह का बयान नही देना चाइये था विधायक को काफी अल्पसंख्यक समुदाय ने अपना समर्थन दिया था मगर वह समुदाय को टारगेट कर रहे है। क्योंकि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग किच्छा विधानसभा में काफी संख्या है तथा इस सीट पर अपनी अहम भूमिका निभाते है। ऐसे में गोल टोपी वाले बयान से काफी नाराज़गी देखने को मिल रही है।
वही युवाओं के चहेते तथा मजबूत पकड़ रखने वाले व पूर्वांचल के साथ अन्य लोगों के दिलों में बसने वाले अजय तिवारी भी भाजपा प्रत्याशी की नींद उड़ाए हुए हैं। बरहाल एंटी इंक्वैन्शी और अपनों के विरोध भाजपा प्रत्याशी को भारी पड़ सकता है। जिसका लाभ सीधे 10 साल जीत से दूर रहे विपक्ष को मिलता दिख रहा। यानी की तस्वीर पूरी तरह साफ है, इस बार हवा भाजपा के विपरित चल रही है, जिसे भाजपा रोक पायेगी इसकी उम्मीद के भी कयास लगाए जा रहै है। इस हवा को अपने पक्ष में करने के भाजपा को प्रत्याशी राजेश शुक्ला के लिये किसी चुनोती से कम नही है।