बागेश्वर पुलिस और एसओजी पर न्यायालय की सख्त टिप्पणी।
- विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने चरस तस्करी के आरोपी को किया दोषमुक्त।
- दोषमुक्त के दौरान पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों का आंकलन करने के दिये आदेश।
बागेश्वर। विशेष सत्र न्यायाधीश आरके खुल्बे ने चरस तस्करी के एक आरोपी को दोशमुक्त करते हुए बागेश्वर पुलिस व एसओजी की टीम पर सख्त टिप्पणी करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के कृत्य के आंकलन के लिए उनके उच्चाधिकारियों को आदेश की प्रति भेजने के आदेश दिए हैं।
बागेश्वर पुलिस की एसओजी टीम ने वर्ष 2020 में गोगिना निवासी कुंवर सिंह दानू को पांच किलोग्राम से भी अधिक चरस के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने इस मामले में बताया कि गोगिना निवासी कुंवर सिंह दानू पांच किलो चरस के साथ हरसिंगियाबगड़ की तरफ जा रहा था। पुलिस को देखकर भागने लगा। पीछा करते हुए पुलिस ने पकड़ लिया। बल प्रयोग करने के दौरान आरोपी के सिर, कान व आंख में भी चोट आई। लेकिन अदालत में पुलिस अपने आरोपों को सिद्ध नहीं कर पाई। जिस पर अदालत ने पुलिस की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों का आंकलन करने के आदेश दिए हैं। जिला जज आरके खुल्बे ने पूछा है कि जब वाणिज्यिक मात्रा में चरस बरामद की गई है तो कथानक बदलकर उसकी गिरफ्तारी रीठाबगड़ से क्यों दिखाई गई। जो कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर शक पैदा करता है। एक व्यक्ति को जबरन जीप में बिठाकर उसके पास से चरस बरामदगी दिखाई जाती है तो इससे समझा जा सकता है कि पुलिस के हाथों में आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है। अदालत ने माना कि एसओजी की टीम ने आरोपी को जबरदस्ती न केवल जीप में बिठाया बल्कि उसके साथ मारपीट भी की। अदालत ने आरोपी कुुंवर सिंह दानू को एनडीपीएस एक्ट के आरोप से दोषमुक्त करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि अदालत की इस टिप्पणी के बाद क्या पुलिस की कार्यशेली में बदलाव आता है अथवा नहीं।