बेटे के बचाने के चक्कर मे पिता की हुई मौत के आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सज़ा।
- अपरजिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 80 हजार का लगाया जुर्माना,
- मामला किच्छा नईबस्ती पंजाबी मोहल्ले का मामला।
रुद्रपुर। अपने लखतेजिगर (बेटे) को बचाने आये पिता की हत्या करने वाले आरोपी हत्यारे युवक को तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा ने आजीवन कारावास सहित 80 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई दी। सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि नई बस्ती पंजाबी मोहल्ला किच्छा निवासी धीरज राठौर ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 29-07-2019 की रात क़रीब नौ बजे पड़ोसी पप्पू अपने परिजनों के साथ मिलकर उसके भाई सूरज के साथ लड़ाई झगड़ा कर रहे थे।
इसी बीच विवाद का पता चलने पर मैं व मेरे पिता केदार राठौर बीच बचाव करने पहुँचे तो वे लोग गाली-गलौज करने लगे विरोध करने पर मार पीट करने लगे। इसी बीच हमलावरों में से राकेश पुत्र राम स्वरूप घर के अन्दर गया और सब्बल नुमा रॉड लेकर आया और पिता केदार राठौर के सिर पर वार कर दिया जिसके फलस्वरूप वह वहीं गिर गये। जिसके बाद आनन फानन में उपचार के लिए उनको सरकारी अस्पताल ले ज़ाया गया जहां से उनकी हालत को गम्भीर देखते हुए उन्हें डॉ सुशीला तिवारी अस्पताल हल्दवानी भेज दिया गया वहाँ सिटी स्कैन करने पर पता चला कि उनके सिर की हड्डी टूट गयी है और उनको नीलकंठ अस्पताल रैफर कर दिया गया। जहां उनका आपरेशन किया गया लेकिन उनके पूरे शरीर में इन्फ़ेकशन हो गया तो उनको राममूर्ति अस्पताल भोजीपुरा भेज दिया गया जहां उनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। हत्या का मुक़दमा तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश मीना देउपा की कोर्ट् में चला जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 12 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद न्यायाधीश द्वारा बुधवार को राकेश को हत्यारा घोषित करते हुए आजीवन कारावास और 80 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।