जेल की मुश्किलें बड़ी, जेल में हुई मौत में नया मोड़!
न्याय की उम्मीद को लिये छोटे बच्चों को साथ लेकर इधर उधर भटक रही है पीड़ित।
सवाल उठ रहे है कि जिन पर हत्या का आरोप है वह अभी तक वही क्यों है तैनात, क्यों उच्चाधिकारियों की नही जाती इस पूरे मामले पर नजर??
ऊधम सिंह नगर। भले ही कहने को तो जेल के कैदियों के लिए बंदी रक्षक तैनात किए गए हैं लेकिन बंदी रक्षक की भक्षक बन जाये तब क्या? इसका नज़ारा उस वक्त देखने को मिला जिस वक्त एक बंदी की बंदी रक्षकों ने पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया ये आरोप मृतक की पत्नी ने लगाया है। हल्द्वानी जेल में विगत 6 मार्च को हुई मौत में अब एक नया मोड़ आ गया है। मौत के बाद अपने पति को जेल भिजवाने वाली पत्नी ने ही अब जेल बंदी रक्षकों पर हत्या का आरोप लगाते हुए पुलिस में तहरीर सौंपी लेकिन दर दर की ठोकरें खाने के बाद कोई करवाही नही होने पर सीजीएम कोर्ट नैनीताल में याचिका दायर कर आरोपियों पर करवाही की मांग की है।
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर के काशीपुर कोतवाली के अंतर्गत आने बाली चौकी कुंडेश्वरी चौकी में 5 मार्च को कुंडेश्वरी की रहनी वाली भारती नामक महिला ने अपने पति पर आरोप लगा कर जेल भिजवा दिया था उसके बाद 6 मार्च को आरोपी की जेल में ही मौत की खबर आई। उसके बाद मृतिका की पत्नी ने बंदी रक्षकों पर उसके पति की हत्या का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि उसके पति कैदी को इतना मारा की मौत हो गयी । बेहद शर्मनाक बात तब सामने आई जब कैदी की मौत होने की सही जानकारी परिजनों को भी नही दी और अपने उच्चाधिकारियों को भी मामले से अवगत कराना भी जरूरी नही समझा। जब इस मामले मृतक कैदी की पत्नी द्वारा बंदी रक्षकों पर लगाए गए हत्या के आरोप की तहरीर देकर मुकदमा लिखवाने की शिकायत की।
हालांकि पूर्व में भी बंदिरक्षको द्वारा इस तरह की अनुशासनहीनता की गयी है लेकिन उनके विरुद्ध अभी तक कोई कार्यवाही नही हो पाई। वर्ष 2016 की 01 फरबरी को अल्मोड़ा जेल में ऐसी ही घटना हुई लेकिन आरोपित बंदिरक्षको के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नही हुई। बंदीरक्षकों के विरुद्ध हरिद्वार में मारपीट की। रुड़की में रंगदारी माँगने का मामला तथा सितारगंज में बंदी की पत्नी से छेड़ छाड का मुक़दमा दर्ज है। यही हल्द्वानी में लगभग एक साल पूर्व जेल एक कैदी हाथ भी बंदीरक्षक द्वारा तोड़ दिया था। ऐसे अनेक मामले है जिसमे अभी तक कार्यवाही “”महज ढाक के तीन पात नज़र आये हैं। बल्कि हत्या के मामले में जिन बन्दी रक्षकों पर आरोप लगे है वह अभी भी हल्द्वानी जेल में तैनात है। जो अपने आप मे काफी सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर अभी तक वह वही क्यों डटे हुए है??
बाइट : मृतक की पत्नी — भारती
काशीपुर कुंडेश्वरी की रहने वाली है और काशीपुर पुलिस के द्वारा उनके पति को पारिवारिक अनबन के मामले में हल्द्वानी जेल भिजवाया था, बताया हल्द्वानी जेल में कर्मचारियों द्वारा डंडों और लात घूसों से इतना मारा गया कि उनके पति की मौत हो गई। जेल प्रशासन से 6 मार्च को उन्हें सूचना मिली कि उनके पति की अस्पताल में मौत हो गई है और उन्हें पोस्टमार्टम हाउस हल्द्वानी बुलाया गया, जहां पोस्टमार्टम कर शव को उनको सुपुर्द कर दिया गया। लेकिन परिवार वालों को मृत्यु के कारणों की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी, जबकि उनके पति के शरीर पर चोट के निशान थे।
बाइट : राहुल श्रीवास्तव – चश्मदीद कैदी
उस समय जेल में सितारगंज का राहुल श्रीवास्तव जो कि इस घटना का चश्मदीद है वह भी बंद था जब वह जमानत पर रिहा होकर आया तो उसने अपनी आंखो देखी सारी घटना उन्हें बताई। उनका कहना है कि कुंडेश्वरी के रहने वाले एक कैदी को मात्र इतनी से बात पर मारा की वह बार बार अपने घर जाने की बात कर रहा था। उसे वहां के बंदी रक्षकों ने पेड़ से बांध कर खूब मारा मुह में कपड़ा डाल कर ओर जुंतों की नोक से सीने में खूब मारा है जिससे उसकी मौत हुई है।
बाइट : पीड़िता के वकील – एडवोकेट संजीव आकाश
पीड़िता के वकील संजीव आकाश ने बताया कि उत्तराखंड में कारागार एक सुरक्षित जगह है लेकिन कारागार में लगातार कैदियों की मौत हो रही हैं उन्हें जब यह पता लगा कि एक युवक की जेल में एक ओर मौत हुई है तब इन्होंने महिला से मिलकर मामले को जाना और पीड़िता महिला से कई विधिक सेवा से लेकर एसएसपी तक शिकायत दर्ज की लेकिन पुलिस ने किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं होने पर इन्होंने माननीय न्यायालय की शरण ली और नैनीताल सीजीएम कोर्ट में मामले को दायर कर दिया।
बाइट : सीओ काशीपुर – अक्षय प्रह्लाद कोड़े
काशीपुर अक्षय प्रह्लाद गुंडे ने बताया कि विगत दिनों महिला के द्वारा अपने पति को अपनी पुत्री के साथ छेड़छाड़ मामले में जेल भिजवाया था।जोकि काशीपुर पुलिस ने युवक का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया था जोकि नॉर्मल आया था जबकि महिला अपने पति की मौत को हत्या का आरोप जेल पर लगा रहे हैं वह आरोप गलत है। बताया कि जो मुकदमा महिला ने दर्ज कराया था मैं झूठा था उन सब आरोप से बचने के लिए यह सब झूठा आरोप लगा रही है।