मिट्टी परमिशन की आड़ में किच्छा में अवैध खनन का खेल जोरों पर?
- जिला मुख्यालय में बैठने वाले एक अधिकारी के परिवार द्वारा कराया जा रहा है धड़ल्ले से कार्य।।
- विभाग से सम्बंधित होने के चलते स्थानीय प्रशासन रख रहा है फूंक फूंक कर कदम।
- मिट्टी की परमिशन, निकाल रहे नदी से रेत, स्टॉक व स्टोन क्रशर पर हो रहा है रवाना।
रुद्रपुर/किच्छा। ऊधम सिंह नगर जनपद के किच्छा विधानसभा में मिट्टी के पट्टे की परमिशन की आड़ में गोला नदी में पोकलैंड मशीन डालकर धड़ल्ले से अवैध खनन का खेल जारी है और काम भी क्यों न जब इस खनन में मुख्यालय में बैठने वाले एक बड़े अधिकारी से जुड़े अधिकारी के परिवार वाले हो? तो प्रशासन भी क्या कार्यवाही करेंगे? कुल मिलाकर यह तो वही कहावत चरितार्थ होती है जब सैंया भैय कोतवाल तो डर काहे का? फिलहाल गोला बेराज के पास हो रहे अवैध खनन को लेकर काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि विपक्ष के कांग्रेस से विधायक तिलकराज बेहड़ अवैध खनन को लेकर कई बार मुखर भी हुए है मगर नतीजा ढाक के तीन पात ही नजर आता है।
आप को बताते चले कि उधम सिंह नगर जनपद में अवैध खनन के खेल में कई बार बर्चस्व की लडाई भी सामने आती रही है। अभी कुछ ही दिन पूर्व काशीपुर के खनन को लेकर फायरिंग, तलवार बाजी में कई लोग घायल हो गए थे जिसमें पुलिस ने कई दर्जन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था तथा इस मामले में चार को जेल भेज चुकी है। उससे पूर्व बाजपुर क्षेत्र में सरकारी अधिकारी के ऊपर गाड़ी चढ़ाना, होमगार्ड्स को अपहरण करने का प्रकरण समेत अन्य कई मामले सामने आये है, अब अगर बात की जाए तो किच्छा विधानसभा की तो कुछ वर्षों पूर्व यहाँ पर भी फायरिंग के बाद खूनी संघर्ष हुआ था। खनन का कारोबार करने वाले अपने वर्चस्व को लेकर किसी भी हद तक चले जाते ऐसे में सम्बंधित विभागो को काफी अलर्ट रहने की आवश्यकता होती है।
मगर अब किच्छा विधानसभा में रुद्रपुर के मुख्यालय में बैठने वाले एक बड़े अधिकारी के परिवार वाले मिट्टी की परमिशन की आड़ में गोला नदी के अंदर पोकलैंड व जेसीबी मशीन के माध्यम से धड़ल्ले रेता निकाला जा रहा है। इतना ही सरकार के जिओ के हिसाब से एक किलोमीटर के दायरे में खनन कार्य नही किया जाता है मगर गोला की बैराज के पास से ही नदी में धड़ल्ले से खनन कार्य किया जा रहा। ऐसे में सवाल उठता है जब प्रशासन के ही अधिकारी मिले हो तो न्याय कहाँ से मिलेगा। सूत्रों की माने तो बड़े अधिकारी के परिवार होने के चलते स्थानीय प्रशासन कार्यवाही करने से बचता हुआ नजर आ रहा है।
क्रमशः……….