अबोध बहन के साथ दुराचार करने वाले युवक को 20 साल की सज़ा।
- आरोपी पर सजा के साथ 60 हजार का लगाया जुर्माना, क्षतिपूर्ति के लिए सरकार को 05 लाख रुपये दिए जाने के दिये निर्देश।
रुद्रपुर। अपनी अबोध बहन के साथ जबरन दुराचार करने वाले युवक को पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने 20 साल के कठोर कारावास समेत 60 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई है। विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि रूद्रपुर निवासी एक व्यक्ति द्वारा 11 फरवरी 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा कि गत शाम उसकी 09 वर्षीय अबोध बेटी अपनी बुआ के घर टीवी का रिसीवर लेने गई थी। घर पर बुआ तो नहीं थी लेकिन बुआ का विवाहित बेटा मिथुन पुत्र पप्पू मौजूद था जिसने बच्ची के घर में घुसते ही दरवाज़ा बंद कर दिया।
बच्ची द्वारा टीवी का रिसीवर माँगने पर मिथुन ने कहा कि पहले मेरा काम करेगी तभी रिसीवर मिलेगा और यह कहते हुए उसने पेंट खोलकर पहले ग़लत काम करवाया उसके बाद बच्ची को बैड पर लिटाकर उसके साथ जबरन दुराचार किया। बच्ची दर्द के मारे चीखने लगी इसी बीच वहाँ पर बच्ची का बड़ा भाई वहाँ पहुँच गया तथा बच्ची को लेकर घर चला गया। जहां बच्ची ने परिजनों को सारी बात बताई जिसे सुनकर परिजन सकते में आ गए। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया। जिसमें उसके साथ जबरन दुराचार करने का आरोप सही पाया गया। पुलिस ने दुराचार के आरोपी मिथुन को 13 फरवरी 2020 को गिरफ़्तार कर लिया था। उसके विरूद्ध पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ के न्यायालय में मुक़दमा चला। जिसमें विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने 6 गवाह पेश कर दुराचार किए जाने का आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद न्यायाधीश ने दुराचारी मिथुन को धारा 5/6 पॉस्को एक्ट एवं धारा 366 आईपीसी के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास और 60 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिए कि पीड़िता बच्ची को क्षतिपूर्ति के रूप में 5 लाख रुपए दिए जाने के आदेश पारित किए।