देखिये वीडियो: आखिर क्यों महापंचायत में केंद्र व राज्य सरकार पर बरसे राकेश टिकैत!
बोले – किसानों की जमीन पर अगर नजर गढ़ाई तो नही किया जाएगा, जब तक काला कानून वापस नही होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
रुद्रपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में चल रही महापंचायतों में किसान लगातार बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रहे हैं, ओर आज रुद्रपुर में प्रस्तावित किसान महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत केन्द्र सरकार, कृषि के कानून के खिलाफ समेत प्रदेश सरकार पर भी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीनों को किसी भी दशा में नही छीनने दिया जाएगा।
ऊधम सिंह नगर जनपद के मुख्यालय रुद्रपुर में एफसीआई गोदाम के सामने स्थित मैदान में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कृषि कानून के साथ-साथ पहाड़ और तराई के किसानों को लेकर भी चर्चा की।
राज्य सरकार को ललकारते 👆
राज्य सरकार को ललकारते हुए कहा कि उधम सिंह नगर जनपद के बाजपुर के किसानों की जमीन पर राज्य सरकार ने नजर गड़ाई तो बर्दाश्त नही होगा। सुधर जाओ नहीं तो हम वही करेंगे जो दिल्ली का इलाज किया। किसानों की जमीनों को हड़पने नहीं दिया जाएगा। हमने जब उत्तराखंड बना था तब भी प्लान दिया था मगर उस पर ध्यान नही दिया जा रहा है। पहाड़ को विलेज ट्रूज़म पॉलिसी लागू करनी चाइये। जो भी सब्जी, फल आदि पहाड़ पर पैदा होता है उसकी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाईये। उन्होंने कहा कि पहाड़ में रहने वाले किसानों को एलाउंस मिलना चाहिए. पहाड़ में रहने वाले लोगो को रोजगार देने के लिए योजनाएं बनाई जांए।
गन्ने का भुगतान नहीं हो फैक्ट्रियां पैसा लेकर भाग रही हैं।कहा कि भारत सरकार से लड़ाई छिड़ी है जब काले कानून वापस नही होगा तब तक जारी रहेगी, अपनी जमीन बचानी है। कहा कि पिछले कुछ दिनों से सरकार चुप है जो कोई न कोई प्लान जरूर कर रही होगी। यह बहुत खतरनाक सरकार है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गैस की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया था लेकिन किसी एमपी, विधायक ने पेंशन नहीं छोड़ी। उन्होंने महंगाई पर बोलते हुए कहा कि तेल व गैस के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी किसान अपनी फसल को बेवजह बर्बाद ना करे। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर वह जल्द ही बंगाल का भी दौरा करेंगे।
आज के दिन 1 मार्च 1987 को किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी जिसमे एक हिंदू व एक मुसलमान शहीद हुए थे, इस किसान आंदोलन में भी कई किसान शहीद हो चुके है जिसमें 26 साल का युवक नवरीत भी शामिल है जिसका सभी को बेहद दुःख है। 26 जनवरी को भी इस सरकार ने किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची थी, लेकिन पासा उल्टा पड़ गया। कहा कि देश मे लुटेरों की सरकार है जिन्हें भगाना जरूरी है।
इस महापंचायत में गुरनाम सिंह चढूनी, दर्शन पाल ने भी केन्द्र सरकार पर जमकर प्रहार किया।किसान महापंचायत में हजारों संख्या में किसान पहुंचे। इनमें महिलाएं भी शामिल हुईं।