किच्छा विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला की हैट्रिक लगाने की डगर काफी कठिन?
- भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी के चलते भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के जिलाध्यक्ष समेत कई कार्यकर्ता पार्टी को कर चुके है टाटा बाय बाय।
- सूत्रों की मानें तो आरोप है कि भाजपा प्रत्यशी ने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा व परिवार वाद को दिया है बढ़ावा, भारी आक्रोश।
- भाजपा के डेमेज कंट्रोल के बाद भी कई कार्यकर्ता भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला के चुनाव प्रचार से बनाये हुए है दूरी।
मुमत्याज़ अहमद – एडिटर
किच्छा। किच्छा विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी की इस बार हैट्रिक लगाने की राह आसान नजर नहीं आ रही है ? जिसकी मुख्य वजह लगातार कार्यकर्ताओ में नाराज़गी है। जिस वजह से लगातार भरोसे वाले साथियो के साथ साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी बाय बाय करते नजर आ रहे है। कुछ कार्यकर्ता तो चुनाव किच्छा विधानसभा के चुनाव प्रचार से दूरी बनाए हुए है। बरहाल यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि किच्छा के भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला हेट्रिक लगाएंगे या फिर एक सपना बनकर रह जायेगा!
आप को बताते चले कि किच्छा विधानसभा के रुद्रपुर विधानसभा के जैसे नाराजगी पनप रही है। हालांकि भाजपा ने डैमेज कन्ट्रोल तो किया किच्छा विधानसभा में मगर चुनाव प्रचार से अभी कुछ लोग दूर है। सूत्रों की मानें तो किच्छा भाजपा प्रत्याशी पर आरोप लग रहे है कि उन्होंने कार्यकर्ताओ को जायदा तबज्जो नही दी तथा उन पर भरोसा नही किया। अगर भरोसा किया तो सिर्फ अपने परिवार के सदस्यों पर जो इस समय काफी चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बहरहाल इस समय भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ उनके ही कार्यकर्ताओ द्वारा उनकी हैट्रिक पर ग्रहण लगाने का काम किया जा रहा है तथा कार्यकर्ताओ का आक्रोश जग जाहिर है।
भाजपा नेता अजय तिवारी ने बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए आज वह चुनाव मैदान में है जिससे उन्हें भारी नुकसान होना तय है तो वही भाजयुमो के पूर्व जिलाध्यक्ष श्रीकांत राठौर भी किच्छा विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला के लिये चुनाव प्रचार करने से तौबा कर चुके है तो वही उनकी पत्नी गीता राठौर भी भाजपा प्रत्यशी पर प्रशासन से मिलकर उनके पति श्रीकांत राठौर को जिलाबदर करवाने का सीधा आरोप लगा चुकी है। जिससे उन्होंने खुलकर भाजपा प्रत्यशी राजेश शुक्ला का विरोध करने का आरोप लगा चुकी है।
वही भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला के करीबी व व्यापारी नेता गुलशन सिंधी भी उन्हें छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में बैठ गए तथा किच्छा व्यापर मण्डल महामंत्री विजय अरोड़ा भी कांग्रेस ज्वाइन कर चुके है।
तो अभी दो दिन पूर्व मीडिया से रूबरू होते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष गफ्फार खान, बाबुद्दीन कुरैसी समेत कई लोग स्थानीय विधायक व किच्छा से भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला पर अनर्गल बयानबाजी व उनकी उपेक्षा किया जाने का आरोप लगाते हुए पार्टी के जिला अध्यक्ष पद समेत अन्य पदों से भी इस्तीफा दे दिया है कुल मिलाकर किच्छा विधानसभा में भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी इस बार भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला को भारी पड़ती हुई नजर आ रही है। भाजपा प्रत्याशी राजेश शुक्ला की हैट्रिक लगना इस समय काफी कठिन नजर आ रही है अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि वह हैट्रिक लगाते हैं या फिर उनका है यह एक सपना साबित होगा।