जमरानी बांध प्रभावित परिवारों को प्रागफार्म गड़रिया बाग में दी जाने वाली भूमि का मंडलायुक्त दीपक रावत ने किया स्थलीय निरीक्षण।
किच्छा। जमरानी बांध प्रभावित जिन परिवारों की भूमि बांध में आ रही है उन्हंें परागफार्म गडरिया बाग किच्छा में भूमि दी जाने हेतु चिन्हित की गयी भूमि का मण्डलायुक्त दीपक रावत ने स्थलीय निरीक्षण किया। मण्डलायुक्त ने कहा कि जमरानी बांध में जिनकी भूमि, घर आ रहेे हैं ऐसे 213 परिवारों को गडरिया बाग में प्रति परिवार 1 एकड़ कृषि भूमि तथा 200 वर्ग मीटर आवास हेतु भूमि दी जाएगी, जिसके लिए गडरिया बाग में 300 एकड़ भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित कर दी गयी है।
मण्डलायुक्त को अधिशासी अभियंता सिंचाई ललित कुमार ने बताया कि 300 एकड़ भूमि सिंचाई विभाग को हस्तगत कर दी गयी है जिसको डेवेलप करने के लिए वेबकॉस द्वारा डीपीआर बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि गडरिया बाग में जमरानी बांध विस्थापितों के लिए 73 एकड़ भूमि सड़कंे, चिकित्सालय, विद्यालय, आंगनबाडी व अन्य मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। जिस पर मण्डलायुक्त ने अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग को टेंडर कराने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, अधिशासी अभियंता सिंचाई ललित कुमार, तहसीलदार गिरीश चन्द्र आदि मौजूद थे। इसके उपरांत मण्डलायुक्त ने खुरपिया फार्म में निर्माणाधीन एम्स सैटेलाइट सेन्टर का स्थलीय निरीक्षण किया , निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यदायी संस्था नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं सीपीडब्लूडी के इंजीनियरों से जानकारी ली व आ रही समस्याओं को जाना। जिस पर कार्यदायी संस्थाओं द्वारा अवगत कराया गया कि एम्स का चाहरदीवारी का कार्य किया जा रहा है साथ ही पाईल्स नैलिंग कार्य भी किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मानकों के अनुसार 100 एकड़ भूमि में 351 करोड़ की लागत से 280 बैड का प्री-फैब्रिकेटेड चिकित्सालय बनाया जाएगा, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित आईसीयू, ओपीडी, आईपीडी, नर्सिंग हॉस्टल, आवासीय भवन भी बनायें जाएंगे। मण्डलायुक्त ने एम्स के चाहरदीवारी के साथ ही सड़क किनारों में पौधारोपण कराने के साथ ही उचित ड्रेनैज व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया। चीफ इंजी. चन्द्रपाल के द्वारा पीपीटी के माध्यम से एम्स के कंस्ट्रक्शन की जानकारी दी। मण्डलायुक्त द्वारा एम्स परिसर में पौधारोपण भी किया गया।
निरीक्षण दौरान उपजिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, चीफ इंजी. चन्द्रपाल, एग्जीक्यूटिव इंजी कौशल सिंह, एनसीसी के जीएम शंकर बोलु, सहायक अभियंता सीपीडब्लूडी उपेन्द्र सिंह आदि उपस्थित थे।