किच्छा तालाब प्रकरण पार्ट 01 – जब सइयां भए कोतवाल…, धड़ल्ले से नदी के अंदर तालाब खोदने के नाम पर हो रहा खनन का कारोबार।
- कांग्रेस प्रदेश सचिव संजीव सिंह ने लगाया सीएम की शह पर अवैध खनन करने का आरोप।
- सवालों के घेरे में स्थानीय प्रशासन, जब नदी बह रही थी तो शासन को क्यों नही भेजी रिपोर्ट।
- तो क्या भाजपा कार्यकर्ताओं की अपनी ही सरकार में नही सुनी जा रही शिकायत।
- भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी से पनपा आक्रोश, कही भाजपा के लिये विधानसभा चुनाव में न पड़ जाए भारी।
किच्छा/रुद्रपुर। सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी हो या फिर जनपद के मुखिया जिलाधिकारी, भले ही अवैध खनन पर रोक लगाने की बात करे या फिर डीएम महोदय टास्क फोर्स गठन करके कार्यवाही करने की बात करे, कुल मिलाकर सब हवा हवाई साबित हो रहे। किच्छा के हरियाणा फार्म क्षेत्र अंतर्गत कुछ ऐसा ही माजरा नजर आ रहा है।
जहां तालाब के नाम पर बेखौफ होकर अवैध खनन का खेल जमकर खेला जा रहा है। जो आजकल काफी चर्चा का विषय भी बना हुआ है कि आखिरकार जिस खसरा व रकवा नम्बर पर तालाब खोदने की परमिशन है वहाँ तो मौजूदा समय में नदी बह रही है। जिसको लेकर लोगो के जहन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे है? ऐसा कौन सा इंजीनियर है जो नदी के अंदर तालाब बना रहा है जिसमे मछली पालन होगा? आखिरकार जब मोजूदा समय मे नदी बह रही है तो फिर प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट भी निरस्त की शासन को क्यो नही भेजी जो स्थानीय प्रशासन की भी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है? इसकी शिकायत भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी थी मगर उनकी अपनी ही सरकार में सुनवाई नही हो पा रही। वही बात की जाए तो इस अवैध खनन से सरकार को लाखो रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। कुल मिलाकर यहाँ एक बात तो साफ नजर आ रही है “”जब सइयां भए कोतवाल तो तो डर किसका””
बाईट – संजीव सिंह – प्रदेश सचिव, कांग्रेस
तो वही विपक्ष के नेता कांग्रेस प्रदेश सचिव ठाकुर संजीव सिंह ने भी इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अवैध खनन में अगर किसी की शह तो सिर्फ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की शह है। अवैध रूप से खनन के पट्टे जारी किए जा रहे अवैध खनन का बोलबाला है। पट्टे कही के है खनन कही और हो रहा है। यह सब कार्य सीएम पुष्कर सिंह धामी के द्वारा करवाया जा रहा है यह पूरी तरह से गलत है अगर जल्द ही नही चेते तो हम धरने पर बैठेंगें। भाजपा आम जनता को ठगने का काम कर रही है, जब बाढ़ आती है तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
बाईट – कौस्तुव मिश्रा – एसडीएम, किच्छा
इस मामले में उपजिलाधिकारी किच्छा ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि वर्तमान स्थित में कुछ बदलाब हुआ है। देखिये अपने बयान में क्या कहा उन्होंने और रोक लगाने पर किस तरह किया बचाव।