मुख्यमंत्री के निर्देश पर सीमांत गाँवों की समस्याएँ सुनने पैदल पहुँचे जिलाधिकारी।

– जिलाधिकारी 10 किमी पैदल चलकर पहुँचे बकोड़ा
– सीमांत गाँवों की समस्याएँ सुनीं, जल्द होगा सड़क निर्माण।

चंपावत। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सीमावर्ती एवं दूरस्थ क्षेत्रों की समस्याओं को जमीनी स्तर पर जानने और उनके त्वरित समाधान हेतु जिलाधिकारी चम्पावत मनीष कुमार लगातार गाँव-गाँव का भ्रमण कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को वे मंच क्षेत्र के सबसे दूरस्थ गाँव बकोड़ा पहुँचे और वहाँ की वास्तविक समस्याओं का प्रत्यक्ष अवलोकन किया।जिलाधिकारी मनीष कुमार लगभग 10 किलोमीटर पैदल चलकर बकोड़ा गाँव पहुँचे। उनके साथ अपर जिलाधिकारी श्री जयवर्धन शर्मा, सभी जिला स्तरीय अधिकारी, क्षेत्र पंचायत प्रमुख अंचला बोहरा, जिला पंचायत सदस्य भंडार बोरा, शैलेश जोशी, भाजपा जिला महामंत्री मुकेश कलखुडिया सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी मौजूद रहे।ग्राम बकोड़ा पहुँचकर जिलाधिकारी ने स्वयं जमीन पर चादर बिछाकर ग्रामीणों के साथ संवाद किया।

ग्रामीणों ने सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली और अन्य मूलभूत सुविधाओं की समस्याएँ रखीं। सबसे प्रमुख रूप से ग्रामीणों ने मंच-बकोड़ा मोटर मार्ग और सीम-चूका से बकोड़ा तक लिंक मार्ग के शीघ्र निर्माण की मांग उठाई।जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता से मार्ग निर्माण की वर्तमान स्थिति की जानकारी प्राप्त कर ग्रामीणों से साझा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण कर मोटर मार्ग के निर्माण हेतु त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।वन विभाग को भी सीम-चूका से बकोड़ा तक लिंक मार्ग निर्माण की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए।जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि गाँव के आसपास उपयुक्त भूमि चिह्नित कर हेलीपैड बनाने की संभावना तलाशें, ताकि आपात स्थिति में ग्रामीणों को हेली सेवा उपलब्ध कराई जा सके।ग्रामीणों के अनुरोध पर जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बकोड़ा गाँव को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम में शामिल किए जाने हेतु अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीमांत गाँवों को बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ रोजगार और आजीविका के अवसरों से जोड़ना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।जिलाधिकारी ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया कि ग्राम बकोड़ा में विभागवार शिविर प्रत्येक 15 दिन के अंतराल पर आयोजित किए जाएँ, ताकि ग्रामीणों को सभी सुविधाएँ गाँव में ही उपलब्ध हो सकें। उन्होंने विशेष रूप से दिव्यांग जनों के लिए अलग से शिविर लगाने के निर्देश दिए।दौरे के दौरान ही पशुपालन विभाग ने 45 ग्रामीणों को और स्वास्थ्य विभाग ने 70 ग्रामीणों को लाभान्वित किया। ग्रामीणों ने मौके पर ही इन सेवाओं का लाभ उठाया और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की।ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का आभार जताते हुए कहा कि लंबे समय बाद कोई वरिष्ठ अधिकारी उनकी चौखट तक पैदल पहुँचकर उनकी समस्याएँ सुन रहा है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें विश्वास है कि सड़क और अन्य विकास कार्य शीघ्र धरातल पर उतरेंगे।
