गौला नदी में पोकलैंड मशीनों से हो रहा है धड़ल्ले से अवैध खनन का खेल!!
- मिट्टी की परमिशन की आड़ में मशीनों से चीरा जा रहा है नदियों का सीना।
- नेटवर्क मजबूत, कार्यवाही की भनक लगते ही कर देते है पोकलैंड मशीनों का गायब।
- सवाल? आखिरकार किसके संरक्षण में चल रहा दिन दहाड़े खनन का खेल।
किच्छा। जनपद ऊधम सिंह नगर के किच्छा क्षेत्र में अवैध खनन पर प्रशासन कितनी भी लगाम लगा ले मगर वैध की आड़ में अवैध खनन का कारोबार रुकने का नाम नही ले रहा है। इतना ही नही मिट्टी की परमिशन की आड़ में नदी के अंदर पोकलैंड मशीने डालकर धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है।
यह मामला किच्छा के सिरोलीकला क्षेत्र अंतर्गत गौला नदी का है। अब देखना यह होगा कि सम्बन्धित विभाग इस पर क्या कार्यवाही करता है।
विदित हो कि वर्ष 2022 दिसम्बर माह में जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से समस्त नदियों और तटों में मशीनों से खनन पर रोक लगा दी है। सभी जिलाधिकारियों को जिला खनन टास्क फोर्स का अध्यक्ष होने के नाते ये आदेश दिए गए हैं तथा राज्य में अवैध खनन पर नाराजगी जताते हुए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि नदियों से खनन काम मे लगी सभी मशीनों को सीज किया जाए। ऐसे में जब नदियों के अंदर मशीनों से चुगान करने को पूर्ण रुप से प्रतिबंधित कर रखा है। बावजूद इसके कुछ खनन कारोबारी बिना किसी ख़ौफ़ के किच्छा के सिरोलीकला मे लगभग एक माह की मिट्टी की परमिशन की आड़ के नदी के अंदर दो-दो पोकलैंड मशीन डालकर धड़ल्ले से रेत को निकालकर ट्रको में भरकर तुरंत सप्लाई करने में लगे है।
बाईट :- दुष्यंत मैनाली, अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
साथ ही हाईकोर्ट के आदेशों को भी यह लोग नजर अंदाज करते हुए अपने कार्यो को अंजाम देने में लगे हुए है। वही कुछ लोग प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने में लगें है। हालांकि सीएम साहब जीरो टॉलरेंस की सरकार को लेकर काफी गम्भीर है उनके कुछ कर्मचारी ज़ीरो टोरलेन्स को पलीता लगवा रहै है। (क्रमशः…….)