लोको पायलट की सूझबूझ से बचा नैनी जन शताब्दी ट्रेन के साथ होने वाला बड़ा हादसा।
रुद्रपुर। उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित रुद्रपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 500 मीटर की दूरी पर असमाजिक तत्वों ने लोहे की टेलीफोन के पुराने पोल को पटरियों के बीच मे रखकर नैनी जन शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन को रोकने या फिर पलटने का प्रयास किया गया। हालांकि लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ से इमरजेंसी ब्रेक लगाकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया और ट्रैक पर पड़े खम्बे को हटाकर रुद्रपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को पहुंचाया। साथ ही इस्की जानकारी स्टेशन अधीक्षक को दी। जिससे हड़कंप मच गया और मोके पर पहुंचकर अधिकारियों ने जानकारी जुटाई। बताया जा रहा है कि नैनी जन शताब्दी गाड़ी संख्या 12091 देहरादून से काठगोदाम जा रही थी।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बुधवार की रात करीब दस बजे नैनी जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन देहरादून से काठगोदाम को जा रही थी। कोतवाली क्षेत्र के रुद्रपुर रेलवे स्टेशन से करीब 500 मीटर पहले बलवंत एनक्लेव कॉलोनी के पास ट्रेन चालक ने रेलवे की पटरी पर कोई अवरोधक पाइप रखा हुआ देखा तो इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। पुलिस का कहना है इसके बाद चालक ने पाइप को ट्रैक से हटाकर ट्रेन रुद्रपुर रेलवे स्टेशन पर जाकर रोककर मामले की सूचना स्टेशन अधीक्षक को दी। इस दौरान ट्रेन करीब 15 मिनट रेलवे स्टेशन पर रुकी रही।
स्टेशन अधीक्षक ने ट्रेन को कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा रेलवे की पटरी पर लोहे का पाइप रखकर ट्रेन पलटने की आशंका जताते हुए मामले की सूचना तत्काल कोतवाली पुलिस व रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों को दी। सूचना पाकर रात करीब एक बजे एसपी विद्यासागर मिश्रा, एएसपी अतुल श्रीवास्तव, सीओ रवि खोखर, कोतवाली प्रभारी बलवान सिंह सहित जीआरपी के एसपी समेत तमाम रेलवे अधिकारी भी रात में ही मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच की। पुलिस ने रेलवे की पटरी के पास पड़ा टेलीफोन का एक पुराना खंभा बरामद कर लिया।
पुलिस का मानना है कि कुछ युवक खंभे को चोरी से काट कर ले जा रहे होंगे। इस दौरान कोई आ गया होगा और खंभे को ट्रेन की पटरी पर छोड़कर भाग गए होंगे। वहीं पुलिस मामले में कुछ आसामाजिक तत्वों की हरकत भी मानने से इंकार नहीं कर रही है। कोतवाली प्रभारी बलवान सिंह का कहना है की घटना की जांच हो रही है और घटना की रिपोर्ट जीआरपी थाना रामपुर में दर्ज कराई जा रही है। फ़िलहाल पूरे मामले की जानकारी जांच के बाद ही पता चल सकेगी।