आधीरात में महिला ने खेत मे दिया बच्चे को जन्म, दावों की खुली पोल।
- प्रदेश के बने 21 साल से भी अधिक समय बीत चुका हो मगर अभी भी लोग मूलभूत सुविधाओं से है वंचित।
- स्वास्थ्य केन्द्र ले जाते समय हुई प्रसव पीड़ा, मामले का वीडियो हुआ वायरल।
अल्मोड़ा। भले ही प्रदेश किसी की भी पार्टी की सरकार रहे प्रदेश मे बेहतर सुविधाएं देने का वादा कर ले मगर जमीनी स्तर पर कुछ और ही नजर आता है। राज्य गठन को 21 साल से अधिक का समय बीत चुका है मगर अभी भी राज्य के ग्रामीण क्षेत्रो में सड़क, स्वास्थ्य जैसे मुलभूल सुविधाओ का अभाव है। जिस कारण मरीजो और प्रसूता महिलाओ को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। उत्तराखंड कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर तमाम दावे किये जाते है लेकिन उनके यह वादे और दावे धरातल में कहीं नजर नहीं आते।
ऐसा ही एक मामला हैरान कर देना वाला अल्मोड़ा जनपद के भैंसियाछाना विकासखंड से सामने आया है। जहां कनारीछीना में प्रसव पीड़ा से पीड़ित एक महिला की जान सड़क मार्ग नहीं होने से आफत में पड़ गई। अस्पताल जाते वक्त आधी रात को पैदल रास्ते में ही बच्चे को जन्म दे दिया। बताया जाता है कि कनारीछीना के पतलचौरा गांव निवासी राजेन्द्र सिंह वाणी की पत्नी प्रियंका वाणी को मंगलवार रात अचानक प्रसव पीड़ा हुई। गांव में सड़क सुविधा न होने के कारण परिजन उसको डोली में लेकर रात में स्वास्थ्य केंद्र ला रहे थे। घर से कुछ ही दूरी में महिला को तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। गांव की ही कुछ बुजुर्ग महिलाओं और आशा के सहयोग से महिला ने हाड़ कंपा देने वाली ठंड व अंधेरी रात में बारिश के बीच खेतों में ही बच्चे को जन्म दिया। ग्रामीण महिलाओं ने किसी प्रकार टॉर्च और मोबाइल के उजाले से छाता ओड़कर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। बाद में परिजन बच्चे सहित महिला को डोली में रखकर वापस घर लौट आए। फ़िलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।ग्रामीणों ने बताया वह लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं। उनकी मांग आज तक पूरी नहीं हो पाई। गांव से सड़क तक कि पैदल दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है। सड़क यहाँ के लिए स्वीकृत हुई है, लेकिन कुछ पेंच फसने के कारण इसका निर्माण कार्य शुरू नही हो पाया है।