पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन ने उत्तराखंड में डीजल बिक्री लाइसेंस प्रथा समाप्त करने की उठाई मांग।
मामले से संबंधित मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन विधायक राजेश शुक्ला को प्रतिनिधि मंडल ने सौंपा, कहा कि देश के आधे से ज्यादा राज्यों में डीजल बिक्री लाइसेंस प्रथा हो चुकी है समाप्त।
किच्छा। स्थानीय विधायक राजेश शुक्ला से उत्तराखंड पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष गोपाल कृष्ण अग्रवाल के साथ मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा।
विधायक शुक्ला को मांग पत्र देने के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में पेट्रोल पंपों पर डीजल बिक्री लाइसेंस की प्रथा है जो देश के अन्य राज्यों में नहीं है। कहा कि भारत सरकार वर्ष 2010 में तेल विपणन कंपनियों को पूरी तरह नियंत्रण मुक्त कर चुकी है, पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति व बिक्री पर पूरी तरह से संबंधित तेल कंपनियों का नियंत्रण होता है तथा गुणवत्ता, सेलिंग, सुरक्षा,उपलब्ध निशुल्क सेवा आदि की चेकिंग पेट्रोलियम मंत्रालय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी मार्केटिंग गाइडलाइन के अनुरूप ही करने के लिए सिर्फ तेल कंपनियों के अधिकारियों को अधिकृत किया गया है। प्रदेश के लगभग सभी पेट्रोल पंप ऑटोमेटेड हो चुके हैं जिससे टैंकों में तेल खाली होने से लेकर बिक्री व गुणवत्ता, दैनिक भाव, सुरक्षा व्यवस्था ऑटो ट्रांसमिशन सिस्टम से होता है जो की पूरी तरह से तेल कंपनियों के नियंत्रण में है। पिछले लगभग 25 वर्षों से कभी बाजार में डीजल की किल्लत नहीं हुई है तथा डीजल खुले बाजार में काफी प्रतिस्पर्धा से बिक रहा है, पिछले लगभग 25 वर्षों से डीजल की कालाबाजारी, मिलावट जैसी कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई। मात्रा जैसी शिकायत चेकिंग के लिए अलग से विधिक माप विज्ञान विभाग है, पेट्रोल, मोबिल आयल, सीएनजी व एलपीजी आदि पेट्रोलियम पदार्थों पर भी कोई भी बिक्री लाइसेंस नहीं है। देश के आधे से ज्यादा राज्यों में डीजल बिक्री लाइसेंस प्रथा समाप्त हो चुकी है। उक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड राज्य में भी डीजल बिक्री लाइसेंस होने का कोई औचित्य नहीं है, देश के अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड राज्य में भी डीजल बिक्री लाइसेंस प्रथा समाप्त करने हेतु आवश्यक कार्यवाही का निवेदन किया। विधायक राजेश शुक्ला ने उत्तराखंड पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि आगामी 23 जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जिला मुख्यालय आगमन पर वह प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनकी समस्याओं से अवगत कराकर समाधान कराएंगे। प्रतिनिधिमंडल में गोपाल कृष्ण अग्रवाल, विजय भूषण गर्ग, राज पपनेजा,सुरेंद्र गांधी,अखिलेश मिश्रा आदि मौजूद थे।