राशन घोटाला – आपदा में अवसर ढूढने वालों राशन डीलरों पर आखिर इतनी मेहरबानी क्यों?
- किच्छा के 11 कोटधारको से होनी है एक करोड़ की वसूली।
- करोड़ो की वसूली की प्रक्रिया लंबे समय से क्यों पड़ी है ठंडे बस्ते में?
- जांच में हुआ था खुलासा- 3988 कुंतल सरकारी राशन को डकार गए कोटधारक!
किच्छा। जब देश करोना महामारी से परेशान चल रहा तो सरकारों ने कोई भी गरीब व्यक्ति भूखा न सोये तथा किसी भी तरह की खाने में दिक्कत न हो इसके लिये सरकार ने गरीबो की मदद के लिए राशन प्रदान किया था मगर किच्छा विधानसभा में कुछ कोटधारको ने इस आपदा के अवसर में उनके हक पर डाका डाल लिया और लगभग 3988 कुंतल राशन फर्जीवाड़ा करके डकार गए। जांच इस मामले में जांच हुई और 11 कोटधारको की भूमिका संलिप्त मिली। जिस इन सभी से एक करोड़ की रिकवरी के आदेश दिए गए। मगर इस एक करोड़ की वसूली की कार्यवाही मानो एक ठंडे बस्ते में चली गई है?
आप को बताते चले कि करोना काल मे सरकारी राशन को गरीबो की मदद को दिया गया था मगर इन जालसाज कोटधारको ने बड़े ही शातिराना तरीके से गरीबो को बांटने वाला राशन डकार लिया। मामले की कलाई जब खुली जब शक्तिफार्म निवासी निलेश घरामी ने इसकी शिकायत पीएमओ से की। जिसमें उन्होंने फर्जी यूनिटों के माध्यम से करोड़ो के गबन का आरोप लगाया तब इस मामले की जांच तत्कालीन खाद्य उपायुक्त कुमाऊँ मंडल राहुल शर्मा से कराई गई। जांच में किच्छा क्षेत्र में ढाई वर्ष तक सरकारी राशन की फर्जी दुकाने संचालित होने और बड़े पैमाने पर गवन और कालाबाजारी की पुष्टि हुई। जांच में एक लाख से अधिक फर्जी यूनिट दिखाकर करोड़ों का राशन यह कोटधारक डकार गए। फर्जी यूनिट दिखाकर करोड़ों के राशन गायब कर दिया। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की संस्तुति की थी। जांच में तत्कालीन डीएसओ व किच्छा प्रभारी पूर्ति निरीक्षक भी दोषी पाए गए थे। जिसके बाद खाद्य उपायुक्त की जांच के बाद किच्छा क्षेत्र में हुए राशन घोटाले के मामले में 11 कोटेदारों की दुकानें निरस्त करने के आदेश तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर द्वारा दिए गए थे तथा सभी कोटा धारकों से रिकवरी एवं विधिक कार्यवाही निर्देश दिए थे। मगर लंबा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक इन कोटा धारको पर कार्रवाई नजर नहीं आ रही है। तो वहीं दूसरी ओर सूत्रों की माने तो इनमें कुछ आरोपी किसी ना किसी तरह से अपने परिवार के सदस्य, परिचित के नाम से अभी भी बदस्तूर अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। बहरहाल इस मामले ओर जानकारी के डीएसओ से फोन पर सम्पर्क किया तो उनका फोन नही उठ सका।
इस मामले अभी और भी पढिये, क्रमशः………..!