ऊधम सिंह नगर में गूंजी हसन हुसैन या हुसैन की सदाएं।
ऊधम सिंह नगर। पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हसन हुसैन की याद में मुस्लिम समाज के लोगों ने सितारगंज, खटीमा, किच्छा, रुद्रपुर, गदरपुर, बाजपुर, काशीपुर, जसपुर आदि क्षेत्रो के आस पास के शहरी व ग्राम के लोगो ने बड़ी हकीकत और गमगीन माहौल के साथ मोहर्रम निकाले। साथ ही मोहर्रम निकालने के दौरान पूरे शहर में हसन हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं।
बता दे की इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक 1400 साल पहले कर्बला की लड़ाई में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे (बेटी का बेटा,नाती) हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे। ये जंग इराक के कर्बला में हुई थी। जंग में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा शहीद कर दिया गया था। इसलिए मोहर्रम माह में सबीले लगाई जाती है।पानी पिलाया जाता है।भूखों को खाना खिलाया जाता है।
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था। इसलिए मोहर्रम को इंसानियत का महीना माना जाता है। इमाम हुसैन की शहादत और कुर्बानी की याद में मोहर्रम मनाया जाता है। इमाम हुसैन की शहादत की याद में ताज़िया और जुलूस निकाले जाते हैं। वही सितारगंज में भी मोहर्रम निकाले गए।